जानें विश्व के पहले मोबाइल फोन के बारे में कुछ अनसुनी बातें
मार्टिन कूपर द्वारा 4 अप्रैल 1973 को विश्व के पहले मोबाइल फोन का प्रदर्शन कर दिया गया। मोटोरोला डायनाटेक नाम से प्रदर्शित किया गया यह फोन उस वक्त सिर्फ प्रोटोटाइप ही था उपभोक्ता के लिए उपलब्ध नहीं हुआ था।
मोबाइल फोन बानने की कोशिश द्वितिय विश्व युद्ध के बाद ही शुरू हो गई थी। वर्ष 1947 में अमेरिका में बेल लैब्स ने मोबाइल फोन बनाने का आइडिया दिया। परंतु यह कपंनी गाड़ी के लिए फोन बनाना चाहती थी और इसके लिए लगभग 12 किलोग्राम तक के साजो समान की जरूरत होती। वहीं दूसरी ओर मोटोरोला के इंजीनियर मार्टिन कूपर ने भी एक नया आइडिया पेश किया जो उस वक्त बेल लैब्स के प्रतियोगी भी थे। फेडरल कम्यूनिकेशन कमिशन (एफसीसी) को कूपर का आइडिया पसंद आया और उन्हें फोन बनाने की अनुमति मिल गई। इस तरह वे मोबाइल फोन के लिए पेटेंट प्राप्त करने में सफल रहे।
1. मार्टिन कूपर द्वारा 4 अप्रैल 1973 को विश्व के पहले मोबाइल फोन का प्रदर्शन कर दिया गया। मोटोरोला डायनाटेक नाम से प्रदर्शित किया गया यह फोन उस वक्त सिर्फ प्रोटोटाइप ही था उपभोक्ता के लिए उपलब्ध नहीं हुआ था।
2. बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कूपर ने बताया कि विश्व के पहले फोन से उन्होंने सबसे पहला कॉल अपने प्रतियोगी बेल लैब्स के मुखिया डॉ जोएल एस एंजेल को किया था। उन्होंने कहा जोएल मैं मैर्टी बोल रहा हूं। मैं तुम्हे सेल फोन से कॉल कर रहा हूं जो वास्तविक हैंडहेल्ड प्रोर्टेबल सेलफोन है।
3. व्यवसायिक रूप से मोटोराला का यह फोन डायनाटेक 8000एक्स नाम से दस साल बाद सन 1983 को उपलब्ध हुआ। उस वक्त इस यह मोबाइल फोन बेहद ही महंगा था। उस वक्त मोटोरोला डायनाटेक 8000एक्स की कीमत 3,399 डॉलर थी जो आज भारतीय रुपए में लगभग 2,25,000 रुपए से ज्याद है।
4. बड़े आकार के इस फोन का वजन एक अनुमान के अनुसार 900 से 1,100 ग्राम तक के बीच का था। वहीं इस फोन को पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग 10 घंटे का समय लगता था और यह 30 मिनट तक का टॉक टाइम देने में सक्षम था।
5. हालांकि उस वक्त भी मोटोरोला के इस फोन को कई खास फीचर्स से लैस किए गए थे। फोन में कीपैड के साथ लाइट भी था। वहीं फोन में रिडायल और रीकॉल की भी व्यवस्था थी। फोन में 30 नंबर तक सुरक्षित किए जा सकते थे।
6. यह फोन सेल्यूलर नेटवर्क के पहले संस्कण 1जी पर कार्य करता था। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एंटीना भी दिया गया था। लॉन्च के कई साल बाद तक इस फोन ने मोबाइल बाजार में अपनी बादशाहत कायम रखी और मोटोरोला को नंबर एक मोबाइल निर्माता का दर्जा भी दिलाया।